मैडीकल ऑक्सीजन उत्पादन में पंजाब का बड़ा कदम; जुलाई में शुरू होंगे 75 पी.एस.ए. प्लांट: मुख्य सचिव

  • अधिकारियों को जीवन रक्षक गैस के दबाव और शुद्धता को सुनिश्चित बनाने और 25 जुलाई तक प्लांट स्थापित करने का काम मुकम्मल करने के लिए कहा

डीएन सिंह चंडीगढ़

कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के मुकाबले के लिए की जा रही तैयारियों के अंतर्गत मैडीकल ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार द्वारा जुलाई के अंत तक 75 और प्रैशर स्विंग ऐडसौर्पशन (पी.एस.ए.) प्लांट स्थापित किए जाएंगे।आज इस सम्बन्धी ऐलान करते हुए मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन ने बताया कि सम्बन्धित विभागों को अगले महीने के अंत तक यह प्लांट लगाने और इस जीवन रक्षक गैस का उचित प्रैशर और शुद्धता को सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे राज्य की स्वास्थ्य संस्थाओं में मैडीकल ऑक्सीजन सप्लाई की माँग पूरी होगी।पी.एस.ए. प्लांटों की स्थापना और इससे जुड़े कार्यों की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई उच्च स्तरीय वर्चुअल मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने सम्बन्धित अधिकारियों को हिदायत की कि प्लांटों की स्थापना से पहले की सभी गतिविधियों को 15 जुलाई तक मुकम्मल किया जाए, जिससे प्लांटों की स्थापना और इनको चलाने का काम 25 जुलाई तक पूरा किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने इससे सम्बन्धित अन्य कार्यों जैसे साइट तैयार करने, जैनरेटरों और गैस पाइपलाइन नैटवर्क के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए भी कहा।

श्रीमती महाजन ने कहा कि सुचारू कामकाज और नियमित रूप में जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए हरेक साइट के लिए डिप्टी कमिश्नर, सभी नोडल अफ़सरों, काम करने वाली एजेंसी और अस्पताल सुपरीटेंडैंट का एक वाट्सऐप ग्रुप बनाया जाए। जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के प्रमुख सचिव जसप्रीत तलवाड़, जो राज्य के ऑक्सीजन प्रबंधन ग्रुप के प्रमुख भी हैं, ने मुख्य सचिव को बताया कि पंजाब के पास जालंधर और लुधियाना में 1400 लीटर प्रति मिनट (एल.पी.एम.) की सामथ्र्य वाले अपने दो पी.एस.ए. प्लांट हैं। भारत सरकार द्वारा मुख्य तौर पर राज्य के मैडीकल कॉलेजों और जि़ला अस्पतालों के लिए 42 प्लांट अलॉट किए गए हैं, जबकि विभिन्न एजेंसियों/निजी संस्थाओं द्वारा राज्य के लिए और 33 प्लांटों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य का ऑक्सीजन उत्पादन सामथ्र्य प्रतिदिन तकरीबन 50 मीट्रिक टन से अधिक हो जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि कार्य की स्थिति संबंधी जानकारी देने और फोटो अपलोड करने के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च की जाएगी और नोडल अफसरों को इसमें रजिस्टर किया जाएगा और प्रशिक्षण दिया जाएगा। मीटिंग में बताया गया कि पाँच पी.एस.ए. प्लांट पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, जो अभी परीक्षण के पड़ाव अधीन हैं और अन्य पाँच प्लांट स्थापित करने के लिए साइट तैयार कर ली गई है और डी.आर.डी.ओ. को यह प्लांट बरनाला, होशियारपुर, फिऱोज़पुर, कपूरथला और तरन तारन में लगाने के बारे में बताया गया है।
एन.एच.ए.आई., जो भारत सरकार के प्लांटों के लिए साइट तैयार करने के लिए एक कार्यकारी एजेंसी है, को अलॉट किए गए कार्यों को 10 जुलाई तक पूरा करने के लिए कहा गया है। एन.एच.ए.आई के आर.ओ. श्री आर.पी. सिंह ने भरोसा दिया कि भारत सरकार के प्लांटों के लिए साइट तैयार करने सम्बन्धी सभी कार्य निर्धारित समय के अंदर पूरे कर लिए जाएंगे। मीटिंग में अतिरिक्त मुख्य सचिव-कम-सी.एम.डी. (पी.एस.पी.सी.एल.) ए. वेनू प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान डी.के. तिवाड़ी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग हुसन लाल, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग विकास प्रताप, अतिरिक्त सचिव जल आपूर्ति एवं स्वच्छता अमित तलवाड़ और समूह डिप्टी कमिश्नर मौजूद थे।

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