- कहाः प्रदेश में ना तो युवाओं को रोजगार मिला है और ना ही बच्चों को उचित शिक्षा
डीएन सिंह पंचकूला।
आम आदमी पार्टी ने हरियाणा सरकार खासकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से पूछा है कि वह प्रदेश की जनता खासकर युवा वर्ग को बताएं कि बीते लगभग 7 वर्षों में राज्य के कितने युवाओं को नौकरियां दी गई है? पार्टी ने इस पर एक श्वेत पत्र भी जारी करने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि केंद्र की सरकार ने प्रत्येक वर्ष दो करोड़ नौकरियां तथा राज्य सरकार ने प्रत्येक वर्ष दो लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी। मगर हकीकत में ऐसा कुछ नहीं हुआ। आज यहां जारी एक बयान में आम आदमी पार्टी उत्तरी हरियाणा जोन के सचिव योगेश्वर शर्मा ने कहा कि प्रदेश का युवा वर्ग नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा है। ना तो उन्हें सरकारी नौकरी मिल रही है और ना ही निजी क्षेत्र में उन्हें रोजगार दिया जा रहा है। ऐसे में उसके पास सिवाय अपनी डिग्री लेकर धक्के खाने के और कोई काम नहीं रह गया है।उन्होंने कहा कि महंगाई के इस दौर में जहां आम आदमी को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है वही दूसरी ओर आमजन को अपने बेरोजगार बच्चों के भविष्य की चिंता ता रही है क्योंकि बहुत से युवा नौकरी ना मिलने की वजह से हतोत्साहित होकर डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं । तथा कुछ गलत रास्तों पर चलने को मजबूर हो रहे हैं जो कि उनके मां-बाप की लिए चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश आज शिक्षा के क्षेत्र में भी पूरी तरह से पिछड़ रहा है। क्योंकि ना तो हरियाणा में खासकर पंचकूला जिला में कोई बड़े कॉलेज खुले हैं और जिनके उद्घाटन किए गए हैं वह प्रोजेक्ट भी ठंडे बस्ते में पड़े हुए हैं। उनका काम बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर राज्य के विभिन्न स्कूलों में या तो शिक्षकों की कमी है, अन्यथा जो शिक्षक पढ़ाने वाले हैं, उनसे दूसरे काम लिये जा रहे हैं। ऐसे में बच्चों की शिक्षा सफर कर रही है इतना ही नहीं स्कूलों में बैठने की व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था, बिजली पंखे इत्यादि की मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि जहां राज्य के बहुत से शिक्षक स्वयं को पक्का किए जाने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पक्के अध्यापक जिन से शिक्षण की बजाए दूसरी जगह काम लिया जा रहा है वे भी इस बात के लिए संघर्ष कर रहे हैं कि उनसे सिर्फ शिक्षा का ही काम लिया जाए। उन्होंने कहा कि जो सरकार अपने प्रदेश के युवाओं को सही ढंग से शिक्षा दे सके और ना ही पूरी तरह से रोजगार दे सके ऐसी सरकार के मुखिया को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।