बिजली समझौतों की सुरक्षा की ख़ातिर प्राईवेट बिजली कंपनियों से पंजाब कांग्रेस ने कोई राजसी फंड नहीं लिया: कैप्टन अमरिन्दर सिंह

  • आप और अकाली दल को तथ्यों सहित दिया करारा जवाब, दोनों पक्षों को पिछले 10 सालों के दौरान लिए गए फंडों का ऐलान करने की चुनौती दी

डीएन सिंह चंडीगढ़  

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को निजी बिजली कंपनियों से राजसी फंड लेने के मुद्दे पर खुलकर झूठ बोलने के लिए आम आदमी पार्टी और अकाली दल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अलग-अलग जाली कंपनियों द्वारा इन पार्टियाँ को दिए जाते ग़ैर-कानूनी चंदे के उलट कांग्रेस को प्राप्त चंदों का पंजाब चुनाव या अकालियों द्वारा किये गए समझौतों के साथ कोई सम्बन्ध नहीं है।
साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने के लिए बौखलाहट भरीं कोशिशों में झूठ का सहारा लेने के लिए शिरोमणि अकाली दल और आप की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ बिजली कंपनियों से पंजाब कांग्रेस ने फंड नहीं लिए बल्कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने साल 2009 और 2014 में लिए थे और इनका राज्य की मौजूदा सरकार के साथ कोई सरोकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि बिजली खरीद समझौते (पी.पी.एज़) पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा किये गए थे और उनकी (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) सरकार इनके लिए कानूनी तौर पर पाबंद है और आर्थिक संकट से जूझ रहे राज्य पर भारी जुर्माने के बिना इनको रद्द नहीं कर सकती। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के खजाने पर और अधिक बोझ डाले बिना बिजली समझौतों के दुष्प्रभावों को ख़त्म करने के लिए कानूनी संभावनाएं तलाश रही है जबकि अकालियों ने अपने सहयोगी भाजपा के साथ मिलकर अपनी जेबें भरने के लिए सरकारी खजाने का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बादलों के नेतृत्व में अकालियों ने 100 करोड़ रुपए का राजनैतिक फंड लिया और ऐलान सिफऱ् 13 करोड़ रुपए का किया और बाकी फंडों से अपनी निजी जेबें भर ली। जहाँ तक आम आदमी पार्टी का सवाल है, प्राईवेट बिजली कंपनियों की तरफ से आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की तरफ से लिए गये फंड के विपरीत अरविन्द केजरीवाल की पार्टी ‘आप’ द्वारा साल 2014 के मतदान के दौरान लिया गया चंदा पहले ही प्रवर्तन निदेशालय(ई.डी.) की नजऱ में है क्योंकि इनका न तो कभी भी हिसाब-किताब किया गया और न ही घोषित किया गया। यहाँ बताने योग्य है कि हाल ही में मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ई.डी. ने 50 लाख रुपए के चार चैकों से सम्बन्ध मामला दर्ज किया है जो साल 2014 के दिल्ली विधान सभा मतदान के दौरान आप को कथित तौर पर दिए गए थे। बीते साल दिल्ली पुलिस ने चार कंपनियों के विरुद्ध धोखाधड़ी, जालसाज़ी का मामला दर्ज किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे उनकी सरकार अकालियों की तरफ से पंजाब के लोगों को ‘चंदे ’ के तौर पर दी समस्याओं का हल निकालने में व्यस्त हुई है परन्तु कोविड महामारी के मद्देनजऱ यह पार्टी राज्य में अमन-कानून की समस्याएँ पैदा करने में समय खऱाब कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पंजाब में पिछली अकाली -भाजपा सरकार के विवादित और जन विरोधी फ़ैसलों पर किंतु न करने रास्ता चुन कर आप भी इनके साथ पूरी तरह लिप्त हो कर उल्टा राज्य के लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है।
मुख्यमंत्री ने दोनों पार्टियाँ को बीते 10 सालों में अपने-अपने राजनैतिक फंडों का ऐलान करने की चुनौती दी जिससे पंजाब के लोग इनके दावों और जवाबी-दावों के पीछे की सच्चाई को जान सकें। उन्होंने कहा, “सत्य सामने आने दो और इसका फ़ैसला लोग करें कि झूठे दोष और इल्जाम लगा कर उनको धोखा कौन दे रहा है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *