पठानकोट के जंगला विभानी गांव के युवा किसान ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर बागवानी को अपनाया

पठानकोट (विजय वर्मा/ भाग सिंह धजल).
जब कोई किसान मेहनत करता है तो धरती भी सोना उगलती है ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पठानकोट के जंगला विभानी गांव के किसान ने इस युवा किसान द्वारा इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर बागवानी को अपनाया और इसमें कई मील पत्थर हासिल किये, पहले 3 साल ड्रैगन फ्रूट की खेती की अपार सफलता के बाद अब इस किसान द्वारा अपने गांव में स्ट्रौबरी की खेती कई एकड़ में की गई है ड्रिप इरिगेशन और अत्याधुनिक तकनीक से स्ट्रौबरी की खेती की गई ओर अब स्ट्राबेरी की खेती ने फल देना शुरू कर दिया है नवंबर महीने से स्ट्रौबरी की खेती की प्लांटेशन शुरू की जाती है और मई महीने तक इसकी खेती चलती है युवा किसान अपने ही गांव में अत्याधुनिक तकनीक से स्ट्रौबरी की खेती कर रहा है जिसमें 1 एकड़ में किसान का खर्चा 4 से 5 लाख के बीच में आ रहा है और सारा खर्चा निकाल कर मुनाफा ढाई लाख रुपया एकड़ यह युवा किसान कमा रहा है.

 

स्ट्रौबरी की पैकिंग भी खेतों में ही की जाती है जिसके बाद स्ट्रौबरी को पठानकोट सहित आसपास के कई मंडियों में भेजा जाता है रोजाना स्ट्रौबरी के फल को तोड़ा जाता है पैक किया जाता है और रोजाना ही इसकी खपत मंडियों में हो जाती है किसान की मेहनत से स्ट्रॉबेरी के फल का जो साइज़ और कलर मिल रहा है मंडियों में कहीं नजर नहीं आता है किसान ही नहीं उपभोक्ता भी इस स्ट्रौबरी की फसल से खुश है बागवानी विभाग भी ऐसे युवा किसानों की बहुत मदद कर रहा है जो फसली चक्र से निकलकर ऐसी अलग प्रकार की खेती कर रहे हैं स्ट्रॉबेरी जैसी खेती में मेहनत तो बहुत है परंतु मेहनत के बाद मुनाफा भी काफी मिलता है जिससे युवा किसान अपनी समृद्ध जिंदगी जी सकते हैं गांव जंगला विभानी का यह युवा किसान बाकी किसानों के लिए भी प्रेरणा का केंद्र बना हुआ है

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