किसानों की 13 में से 12 मांगें सरकार ने स्वीकार की

  • किसानों का चंडीगढ़ बार्डर पर मोर्चा समाप्त

 


डीएन सिंह मोहाली

पंजाब के किसानों का आंदोलन समाप्?त होगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान और आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता समाप्त हो गई है। इसमें सरकार और किसानों के बीच सहमति बन गई है और अब किसान चंडीगढ़ -मोहाली बार्डर पर चल रहा अपना मोर्चा समाप्त कर देंगे। इससे पहले किसानों से मंगलवार को दिल्ली बार्डर जैसा मोर्चा चंडीगढ़ – मोहाली बार्डर पर शुरू कर दिया था। किसान चंडीगढ़ – मोहाली बार्डर पर स्थायी मोर्चा लगाााकर बैठे हुए हैं।


दूसरी ओर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंंत मान ने किसान नेताओं से वार्ता की। भगवंत मान वार्ता के लिए चंडीगढ़ के पंजाब भवन पहुंचे। किसानों के साथ सीएम की बैठक में सहमति बन गई। बताया जाता है कि इसके बाद किसान संगठन चंडीगढ़-मोहाली बार्डर से अपना मोर्चा समाप्त कर देंगे।

ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धारीवाल धरनास्थल की ओर रवाना हुए। वह वहीं पर मांगें स्वीकार किए जाने की घोषणा करेंगे और किसानों से धरना समाप्त करने को कहेंगे। पता चला है कि किसानों की 13 में से 12 मांगों को मान लिया गया है। इससे पहले किसान चंडीगढ़-मोहाली बार्डर पर ट्रैक्टर लेकर वहां पहुंचे हैं। दरअसल वे चंडीगढ़ में ट्रैक्टर निकालना चाहते थे। बार्डर सील होने के कारण उन्होंंने धरना शुरू कर दिया। किसानों के मोर्चा के कारण चंडीगढ़ और मोहाली के बीच यातायात प्रभावित हुआ है। किसानों ने धरना स्थल पर लंगर भी चलाया। किसान सड़क पर ही लंगर बनाने में जुटे दिखे। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री मान के बयान और किसानोंं को वार्ता के लिए बुलाने पर भारतीय किसान यूनियन जगजीत सिंह डल्लेवाल ने जवाब दिया है। डल्लेवाल ने कहा कि भगवंत मान के बयान में किसान के बेटे की बजाए मुख्यमंत्री पद का अंह दिख रहा है। किसानों के लिए दरवाजे खुले रहने की बात तो केंद्र सरकार भी कहती थी लेकिन यह भी नहीं बताते कि मीटिंग कितने बजे और कहां करनी है। उन्होंंने कहा कि पहले भी मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई थी, लेकिन केवल ज्ञापन लेकर मीटिंग खत्म कर दी गई। सीएम भगवंत मान को अगर किसानों की इतनी ही चिंता थी तो उसी दिन दो घंटे बात करके मसलों के हल पर पहुंचते तो आज यह नौबत न आती।

200 ट्रैक्टर-ट्रालियों में राशन लेकर आए थे किसान

किसान संगठनों के सदस्य करीब 200 टैक्ट्रर ट्रालियों में चंडीगढ़ – मोहाली बार्डर पर पहुंचे हैं। वे स्?थायी मोर्चा लगाने के लिए राशन के साथ पहुंंचे हैं। ऐसे में यह आंदोलन लंबा भी खिंच सकता है और इससे चंडीगढ़ व मोहाली के बीच सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित होगा। मंगलवार देर शाम दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए किसानों को फिर से बातचीत के लिए आमंत्रित किया, लेकिन किसानों के प्रति नाराजगी जताते हुए धरने को गैरजरूरी बताया। मान ने कहा, मुर्दाबाद के नारे लगाने से मुलाकात नहीं होती। मैं धरती को बचाने का प्रयास कर रहा हूं, किसान कम से कम एक साल तो मेरा साथ दें। उन्?होंने कहा, मैं जानता हूं कि इससे नुकसान हो सकता है लेकिन मैं नुकसान पूरा करने को तैयार हूं। सरकार ने तो किसानों को बातचीत के लिए बुलाया था और मैं अब भी बात करने के लिए तैयार हूं। किसान संगठन मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं लेकिन वह यह तो बताएं कि मैं गलत क्या कर रहा हूं। इससे पहले मंगलवार दोपहर को किसान संगठन मुख्यमंत्री मान से मिलकर बातचीत करने के लिए अड़े रहे। जब मान दिल्ली निकल गए तो मोहाली के गुरुद्वारा अंब साहिब में बैठे किसान प्रदर्शन के लिए चंडीगढ़ की तरफ बढ़े।

इन मांगों पर बनी सहमति

ीसहमति वाली मांगों में धान की रोपाई अब 4 नहीं बल्कि 2 जोन में होगी। इसके मुताबिक पहले जोन में 14 जून और दूसरे में 17 जून से धान की रोपाई होगी। पहले और दूसरे जोन में कौन-कौन से जिले होंगे, इसके बारे में किसान ही फैसला करेंगे। पहले मान सरकार ने राज्य को 4 जोन में बांटा था। वहीं सरहद पर स्थित खेतों में 10 जून के बाद कभी भी रोपाई हो सकेगी।
ीमूंग पर रूस्क्क के लिए सहमति बन गई है। सीएम भगवंत मान ने मीटिंग में किसानों को इसका नोटिफिकेशन दिखाया। बासमती पर रूस्क्क के लिए सीएम मान ने कहा कि केंद्र इसे नहीं देता। इस संबंध में फैसला कर किसानों को जानकारी दे देंगे।
ीपंचायती जमीनों से किसानों के कब्जे को लेकर सीएम मान ने 23 मई को फिर मीटिंग रखी है। राज्य के पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल इस बारे में किसान नेताओं से मीटिंग करेंगे। जिन बेजमीन किसानों के पास पंचायती जमीन है और वह खेती कर रहे हैं, उन्हें सरकार तंग नहीं करेगी।

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