- कांग्रेस-अकाली दल की साजिश का नतीजा है पीयू का केंद्रीकरण – आप
- पीयू के केंद्रीकरण के खिलाफ पंजाब सरकार 30 अगस्त को हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करेगी : मलविंदर सिंह कंग
चंडीगढ़
पंजाब यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने के केंद्र सरकार के फैसले पर आम आदमी पार्टी(आप) ने कड़ी आपत्ति जताई है। आप पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार किसी भी कीमत पर पंजाब यूनिवर्सिटी का केन्द्रीयकरण नहीं होने देगी। पंजाब सरकार पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रकृति और चरित्र में किसी भी तरह का बदलाव करने की केन्द्र सरकार को इजाजत नहीं देगी।
रविवार को पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मलविंदर कंग ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी केन्द्र सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है और इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है और उनसे तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप कर पंजाब विश्वविद्यालय की प्रकृति और चरित्र में किसी तरह के बदलाव को तुरंत रोकने की बात कही है।
कंग ने कांग्रेस और अकाली दल को पीयू को केन्द्र के हाथो सौपकर कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि 2008 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पीयू को केंद्रीय विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने के लिए केन्द्र सरकार को अपनी सहमति दी थी। फिर पिछली कांग्रेस सरकार के कई नेता इस मामले में केन्द्र सरकार द्वारा 2021 में बनायी गई हाई पावर कमेटी का हिस्सा रहे, लेकिन किसी ने इसका विरोध नहीं किया।
कंग ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी पंजाब की विरासत का प्रतीक है। यूनिवर्सिटी में राज्य का नाम भी जुड़ा हुआ है। पंजाब सरकार पंजाब विश्वविद्यालय के रखरखाव और वित्तीय घाटे का वहन करने के लिए 40 प्रतिशत आर्थिक हिस्से का भुगतान करती है। इसलिए पंजाब का इस यूनिवर्सिटी पर कानूनन हक है।
कंग ने कहा कि पंजाब सरकार 30 अगस्त को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में केन्द्र सरकार के इस फैसले के विरोध में अपना जवाब प्रस्तुत करेगी और मजबूती के साथ कोर्ट के सामने पंजाब का पक्ष रखेगी।