सी एल डी ए वी स्कूल के 800 बच्चों ने एशियाड सर्कस देख जमकर उठाया लुत्फ़चंडीगढ़ सर्कस का रोमांच सी एल डी ए वी स्कूल के बच्चों के सिर चढ़कर बोला। एशियाड सर्कस के कलाकारों (लड़के और लड़कियों) के एक-एक स्टंट पर बच्चों ने खासा शोरगुल कर सर्कस का लुत्फ उठाया। सेक्टर 5 के शालीमार मॉल ग्राउंड में चल रही एशियाड सर्कस के दरवाजे बुधवार को सी एल डी ए वी स्कूल सेक्टर 11 के स्टाफ और बच्चों के लिए खोल दिए गए। स्कूल कोऑर्डिनेटर रोज़ी उप्पल एवं शिक्षिकाओं की देखरेख में सैकड़ों बच्चों ने सर्कस का लुत्फ उठाया। सर्कस के तीन जोकरों ने अपनी हरकतों से बच्चों को खूब गुदगुदाया, तो वहीं अफ्रीकन कलाकारों की कलाबाजियां देख तो बच्चे झूम ही उठे। संतुलन का नायाब नमूना साइकिलिंग और स्केटिंग देख बच्चे दंग रह गए। सर्कस की जान हवाई झूला पर कलाकारों की परफॉर्मेंस ने स्कूल स्टाफ और बच्चों को हतप्रभ ही कर दिया। कलाकारों की प्रत्येक परफॉर्मेंस पर स्कूल स्टाफ और बच्चों ने खूब तालियां बजा कलाकारों की हौंसला आफजाई की, जिससे कलाकारों को मनोबल और प्रोत्साहन बढ़ गया और उन्होंने स्माइलिंग फेस से परफॉर्मेंस दी। सर्कस शो के बाद स्कूल के बच्चों ने सर्कस के जोकरों और अफ्रीकन कलाकारों साथ मुलाकात कर उनके साथ फोटो भी खिंचवाई। इस दौरान भी जोकरों ने अपनी हरकतों से उन्हें खूब गुदगुदाया। स्कूल कोऑर्डिनेटर रोजी उप्पल ने बताया कि एशियाड सर्कस का स्पेशल शो आज स्कूल के बच्चों के लिए अरेंज किया गया है। ताकि भावी पीढ़ी अपनी कला संस्कृति और विरासत को देख समझ सके। सर्कस के कलाकारों की जिंदगी और उनके हैरतअंगेज कारनामे देख बढ़ा अच्छा लगा। वही स्कूल के कुछ बच्चों ने भी सर्कस और उसके कलाकारों की परफॉर्मेंस की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि सर्कस के बारे में सुना जरूर था। देखा नही था, आज देख बड़ा ही अच्छा लगा। सर्कस के मैनेजर अजय कुमार गोयल ने कहा कि आज सी एल डी ए वी स्कूल सेक्टर 11 के 800 बच्चे सर्कस देखने आए हैं। बड़ा ही अच्छा लगा। सर्कस प्रबंधन की तरफ से स्कूली बच्चों के लिए डिस्काउंटेड रेट पर सवेरे स्पेशल शो का इंतेजाम किया गया है। स्कूल के बच्चों को इसी उम्र से सर्कस कलाकारों की जिंदगी उनकी करतब कला को देखने समझने का मौका मिला है। इनसे कलाकारों को प्रोत्साहन मिलता है।

चंडीगढ़

सर्कस का रोमांच सी एल डी ए वी स्कूल के बच्चों के सिर चढ़कर बोला। एशियाड सर्कस के कलाकारों (लड़के और लड़कियों) के एक-एक स्टंट पर बच्चों ने खासा शोरगुल कर सर्कस का लुत्फ उठाया।
सेक्टर 5 के शालीमार मॉल ग्राउंड में चल रही एशियाड सर्कस के दरवाजे बुधवार को सी एल डी ए वी स्कूल सेक्टर 11 के स्टाफ और बच्चों के लिए खोल दिए गए। स्कूल कोऑर्डिनेटर रोज़ी उप्पल एवं शिक्षिकाओं की देखरेख में सैकड़ों बच्चों ने सर्कस का लुत्फ उठाया। सर्कस के तीन जोकरों ने अपनी हरकतों से बच्चों को खूब गुदगुदाया, तो वहीं अफ्रीकन कलाकारों की कलाबाजियां देख तो बच्चे झूम ही उठे। संतुलन का नायाब नमूना साइकिलिंग और स्केटिंग देख बच्चे दंग रह गए। सर्कस की जान हवाई झूला पर कलाकारों की परफॉर्मेंस ने स्कूल स्टाफ और बच्चों को हतप्रभ ही कर दिया। कलाकारों की प्रत्येक परफॉर्मेंस पर स्कूल स्टाफ और बच्चों ने खूब तालियां बजा कलाकारों की हौंसला आफजाई की, जिससे कलाकारों को मनोबल और प्रोत्साहन बढ़ गया और उन्होंने स्माइलिंग फेस से परफॉर्मेंस दी।

सर्कस शो के बाद स्कूल के बच्चों ने सर्कस के जोकरों और अफ्रीकन कलाकारों साथ मुलाकात कर उनके साथ फोटो भी खिंचवाई। इस दौरान भी जोकरों ने अपनी हरकतों से उन्हें खूब गुदगुदाया। स्कूल कोऑर्डिनेटर रोजी उप्पल ने बताया कि एशियाड सर्कस का स्पेशल शो आज स्कूल के बच्चों के लिए अरेंज किया गया है। ताकि भावी पीढ़ी अपनी कला संस्कृति और विरासत को देख समझ सके। सर्कस के कलाकारों की जिंदगी और उनके हैरतअंगेज कारनामे देख बढ़ा अच्छा लगा।
वही स्कूल के कुछ बच्चों ने भी सर्कस और उसके कलाकारों की परफॉर्मेंस की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि सर्कस के बारे में सुना जरूर था। देखा नही था, आज देख बड़ा ही अच्छा लगा। सर्कस के मैनेजर अजय कुमार गोयल ने कहा कि आज सी एल डी ए वी स्कूल सेक्टर 11 के 800 बच्चे सर्कस देखने आए हैं। बड़ा ही अच्छा लगा। सर्कस प्रबंधन की तरफ से स्कूली बच्चों के लिए डिस्काउंटेड रेट पर सवेरे स्पेशल शो का इंतेजाम किया गया है। स्कूल के बच्चों को इसी उम्र से सर्कस कलाकारों की जिंदगी उनकी करतब कला को देखने समझने का मौका मिला है। इनसे कलाकारों को प्रोत्साहन मिलता है।

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