कांग्रेस के एक बेहद ही दिग्गज नेता का निधन हो गया है, जिससे पार्टी को बड़ा झटका लगा है| दरअसल, हिमाचल प्रदेश की राजनीति से आने वाले गुरुमुख सिंह बाली यानि जीएस बाली (Congress Leader GS Bali) अब इस दुनिया में नहीं रहे| जीएस बाली ने 67 साल की उम्र में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अपनी अंतिम सांस ली। जीएस बाली लंबे समय से बीमार चल रहे थे| जीएस बाली के निधन की खबर उनके बेटे रघुबीर सिंह बाली द्वारा दी गई|
जीएस बाली के बेटे रघुबीर सिंह बाली ने अपने पिता के निधन की जानकारी देते हुए कहा कि बड़े ही दुखद मन से सूचित करना पड़ रहा है कि मेरे पिता जी और आप सबके प्रिय जीएस बाली अब हमारे बीच नहीं रहे| रघुबीर सिंह बाली ने अपने पिता को याद करते हुए बेहद भावुक मन से आगे कहा कि- पिता जी हमेशा कहते थे कि जीएस बाली दुनिया में रहे या न रहे वो अपने लोगों के दिलों में हमेशा रहेगा|
हिमाचल की राजनीति में धुरंधर …
बतादें कि, जीएस बाली का जन्म 27 जुलाई 1954 को हिमाचल के कांगड़ा में हुआ था। जीएस बाली ने अच्छी-खासी पढ़ाई कर रखी थी लेकिन वह राजनीति में आ गए और यहां आकर उन्होंने खूब झंडे गाड़े| जीएस बाली ने कांग्रेस से जुड़कर विभिन्न अहम् पदों पर काम किया| जीएस बाली हिमाचल नागरिक सुधार सभा के संस्थापक अध्यक्ष, हिमाचल सामाजिक निकाय संघ के उपाध्यक्ष और बाद में अध्यक्ष और इसके अलावा वह 1990 से 1997 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विचार मंच के संयोजक रहे। वे 1995 से 1998 तक कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष भी रहे। इसके आलावा 1993 से 1998 तक जीएस बाली हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव भी रहे।
चार बार बने विधायक….
जीएस बाली ने साल 1998 में पहली बार कांग्रेस की टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे| उसके बाद उन्हें साल 2003, 2007 और 2012 में भी चौथी बार विधायक बनने का मौका मिला| इसके साथ ही इस बीच जीएस बाली परिवहन, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता, तकनीकी मामले में मंत्री पद भी संभाला| जीएस बाली 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के अरुण कुमार से हार गए थे|
राहुल गांधी ने जताया शोक ….
जीएस बाली के निधन पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर दुख जताया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस परिवार के वरिष्ठ सदस्य श्री जी.एस. बाली जी के निधन का समाचार दुखद है। अलग-अलग भूमिकाओं में उन्होंने हमेशा पार्टी की विचारधारा का सम्मान किया व उसे आगे बढ़ाया। उनके परिवार व प्रियजनों को मेरी शोक संवेदनाएं।