चंडीगढ़ प्रशासन ने लिया फैसला, शहर में रजिस्टर्ड नहीं होंगे डीजल, पेट्रोल और एलपीजी ऑटो

चंडीगढ़,
चंडीगढ़ की सड़कों पर ऑटो इतने बढ़ गए हैं कि अब हर जगह यही दिखाई देते हैं। मर्जी से कहीं भी ब्रेक लगा लेते हैं कहीं से ही चल देते हैं। न कोई रूट है और मीटर तो काम करते ही नहीं हैं। ऑटो की इसी मनमानी को रोकने और चंडीगढ़ ऑटोगढ़ न बन जाए इसको देखते हुए प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। यूटी प्रशासन ने अब डीजल, पेट्रोल के बाद अब एलपीजी और सीएनजी ऑटो के रजिस्ट्रेशन पर भी रोक लगा दी है। अब ऐसा कोई नया ऑटो चंडीगढ़ में नहीं दिखेगा। नया ऑटो केवल बैटरी ऑपरेटिड इलेक्ट्रिक ही रजिस्टर्ड हो सकता है। स्टेट ट्रांसपोर्ट अथोरिटी ने यह आदेश जारी कर दिए हैं।

ऑटो के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने की वजह कई हैं। पहली वजह यह है कि शहर में छह हजार ऐसे ऑटो रजिस्टर्ड हो चुके हैं। जो बहुत बड़ी संख्या है। दूसरा यह वाहन क्लीन फ्यूल नहीं हैं। सीएनजी को भी डीजल में कन्वर्ट कर चलाया जा रहा है। ऑटो की संख्या बढ़ने से इन्हें नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है। साथ ही छह हजार केवल चंडीगढ़ के ऑटो होने से इससे कहीं ज्यादा पंजाब और हरियाणा के भी हैं। अकेले पंजाब के ही दस हजार से अधिक ऑटो होंगे जो रोजाना चंडीगढ़ में दौड़ते हैं। जबकि यहां के केवल एक हजार और पंचकूला के पांच सौ ऑटो के रजिस्ट्रेशन किए गए हैं।

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