सावन की महत्व

 

डीएन सिंह मोहाली

हमारे भारत देश की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि यहां हर मौसम के साथ एक त्योहार जुड़ा होता है ताकि हम कुदरत के हर नज़ारे का आनंद ले सकें आजकल सावन मास चल रहा है सावन मास का भी विशेष महत्व है पंजाब में ख़ास कर मैंने बचपन से यही देखा कि जब नई नवेली दुल्हन सावन मास में यानी कि उसकी शादी के बाद जो पहला सावन आता है तो वह अपने मायके में सावन का पूरा महीना गुज़ारती है , यह महीना उसके लिए बहुत उत्साह से भरा होता है क्योंकि वह अपनी सभी सखियों सहेलियों से मिलती है सभी मिलकर अपने हाथों पर मेहंदी रचाती हैं स्पेशल सभी हरी हरी चूड़ियाँ पहनती हैं.

मैं भी जब हर वर्ष सावन माह में अपने माँ पिता जी के घर जाती थी तो मेरी माँ मुझे हरी चूड़ियाँ ज़रूर लेकर देती थी और खीर और मीठे पूड़े अपने हाथों से बनाकर खिलाती थी सो सभी सहेलियां हल्की हल्की बरसात में झूले झूलती हैं गीत गाती है खेलती हैं मस्ती करती हैं और एक बार फिर से अपने बचपन की यादें ताज़ा करती हैं और सावन के पूरे महीने ऐसे ही आनंद लेती हैं हरी हरी घास सावन की रिमझिम जब बूंदें पड़ती हैं तो उस पर नंगे पांव से भागती पेड़ों पर झूलों पर गीत गाती अठखेलियां करती सखियां अपने जीवन में एक नई ऊर्जा भरती हैं और फिर नवी नवेली दुल्हन खुशी खुशी अपने ससुराल चली जाती हैं और फिर से इंतज़ार करती है अगले सावन की अपनी सभी सखियों भाभी से मिलकर सावन माह को मनाने का। मेरी सभी सखियों को सावन माह की बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएँ।

आलेख।
कुलवीर कपूर
मोहाली

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