विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की शुरूआत

  • परिवार नियोजन/नसबंदी सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्यभर में विशेष कैंप लगाए जाएंगे
  • जनसंख्या स्थिरता के अलावा प्रजनन स्वास्थ्य को उत्साहित करने के लिए राज्य में परिवार नियोजन प्रोग्रामों को री-ओरीएंट किया गया

डीएन सिंह चंडीगढ़

बढ़ रही जनसंख्या के बुरे प्रभावों और इससे प्राकृतिक स्रोतों पर पड़ते बोझ संबंधी आम लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए विश्वभर में 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के तौर पर मनाया जाता है। उक्त खुलासा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, पंजाब स. बलबीर सिंह सिद्धू ने यहाँ विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर किसान चेंबर मोहाली में करवाए गए राज्य स्तरीय समारोह दौरान लोगों को संबोधन करते हुए किया।
राज्य में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की शुरूआत करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जनसंख्या दिवस के समारोहों को दो पखवाड़ों में बँटा गया है। 27 जून से जुलाई 10 जुलाई के दरमियान पहला पखवाड़ा मनाया गया जिस दौरान लोगों को परिवार नियोजन के तौर-तरीकों को अपनाने और उनको उपलब्ध गर्भ निरोधक विधियों बारे जानकारी देने पर विशेष ध्यान दिया गया। 11 जुलाई को दूसरे पखवाड़े की शुरुआत की गई है जिसका उद्देश्य जनसंख्या स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करना है।
जागरूकता पखवाड़े में पहले से रजिस्टर्ड व्यक्तियों को परिवार नियोजन /नसबंदी सेवाएं मुहैया करवाने के लिए आगामी दो हफ़्तों दौरान राज्य की स्वास्थ्य संस्थाओं में विशेष कैंप लगाए जाएंगे। महिलाओं और पुरूषों की नसबंदी संबंधी ऑपरेशन मुफ़्त में किये जाएंगे।
स. सिद्धू ने बताया कि प्रजनन स्वास्थ्य को उत्साहित करने के लिए कुल प्रजनन दर (टी.एफ.आर.) में कमी के ज़रिये जनसंख्या स्थिरता के साथ-साथ राज्य में परिवार नियोजन प्रोग्रामों को री-ओरीएंट किया गया है।
उन्होंने बताया कि मातृ मृत्यु दर (एम.एम.आर.) और शिशु मृत्यु दर (आई.एम.आर.) को घटाने के लिए संस्थागत प्रसूतियों को उत्साहित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब में टी.एफ.आर. 1.7 प्रतिशत है जो कि उच्च साक्षरता दर के लिए जाने जाते केरल राज्य के बराबर है, जबकि राष्ट्रीय टीएफआर 2.2 प्रतिशत है। पंजाबी काफ़ी हद तक छोटे परिवार की महत्ता से अवगत हैं परन्तु प्रवासी जनसंख्या का दबाव बहुत ज़्यादा है और हम उनमें अधिक से अधिक जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने रेडियो स्पॉट्स और अन्य आई.ई.सी. गतिविधियों के द्वारा परिवार नियोजन की महत्ता बारे जानकारी फैलाने के लिए एक जागरूकता ऑडियो स्पॉट जारी किया। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, श्री हुस्न लाल ने बताया कि 150 अलग-अलग स्थानों से कर्मचारियों / स्वास्थ्य कामगारों ने जनसंख्या दिवस समारोह में ऑनलाइन हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गर्व की बात है कि महामारी के बावजूद परिवार नियोजन सेवाएं निर्विघ्न चलती रहीं और सरकारी अस्पतालों द्वारा कोविड-19 से पीडित कई गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित प्रसूतियों को यकीनी बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई। उन्होंने समाज की बेहतरी के लिए परिवार नियोजन के संदेश को फैलाने के लिए व्यापक आई.ई.सी. / बी.सी.सी गतिविधियों का भरोसा दिया।

कोविड-19 की संभावी तीसरी लहर के लिए की गई तैयारियों बारे जानकारी देते हुए श्री हुस्न लाल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर के मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, “हमने बिस्तरों की क्षमता 25 प्रतिशत तक बढ़ा दी है, 75 से अधिक पी.एस.ए. प्लांट शुरू किये गए हैं और राज्य के अस्पतालों में 9000 ऑक्सीजन कंसनट्रेटरों की सप्लाई की गई है।“ इससे पहले डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) पंजाब डॉ. अन्देश कंग ने मेहमानों का स्वागत किया और विश्व जनसंख्या दिवस को मनाने के लिए की जा रही गतिविधियों बारे जानकारी दी।

डायरैक्टर, स्वास्थ्य डॉ. जी.बी. सिंह ने प्राकृतिक स्रोतों पर अधिक दबाव के मद्देनज़र जनसंख्या स्थिरता की महत्ता पर ज़ोर दिया।
परिवार नियोजन बारे स्टेट नोडल अफ़सर डॉ. आरती ने एक पी.पी.टी. प्रस्तुति पेश की जिसमें फील्ड स्तर पर किये जा रहे प्रयासों और राज्य में परिवार नियोजन प्रोग्राम के अंतर्गत मुहैया करवाए जा रहे प्रोत्साहनों और सेवाओं बारे जानकारी दी गई। इस प्रोग्राम के दौरान परिवार नियोजन अधीन उत्तम प्रदर्शन करने वाले जिलों को सम्मानित किया गया जिनमें सी.एच.सी. ख्याला कलाँ (मानसा) की डॉ. हरदीप कौर ने महिलाओं की नसबंदी करने में पहला स्थान हासिल किया, सी.एच. लुधियाना की डॉ. मिलन वर्मा को बैस्ट एन.एस.वी. प्रोवाईडर चुना गया, मिनी लैप में ज़िला अस्पताल अमृतसर से डॉ. अश्वनी कुमार पहले स्थान पर रहे। पी.पी.आई.यू.सी.डी. प्रोवाईडर श्रेणी सी.एच. बरनाला की डॉ. ईशा गुप्ता पहले नंबर पर रहीं, सी.एच. बरनाला से स्टाफ नर्स सन्दीप कौर को सर्वोत्त्म स्टाफ नर्स चुना गया, सी.एच. लुधियाना की शीतल को बैस्ट आशा वर्कर, सी.एच. लुधियाना से दविन्दर कौर को बैस्ट एएनएम, सीएच संगरूर से सुखविन्दर को बैस्ट एमपीएचडब्ल्यू (पुरुष), सीएच जालंधर से अमरजीत को बैस्ट एमपीएचडब्ल्यू (महिला) चुना गया।

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