- शालीमार मॉल के मालिक ने हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर अपने मॉल के खिलाफ एमसी हाउस का मनमाना प्रस्ताव रद्द करने की मांग कीडीएन सिंह चंडीगढ़/ पंचकूला
पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित शालीमार मॉल, जो ट्राइसिटी के पहले मॉल्स में से एक है, के मालिक आर के अग्रवाल ने कहा है कि एमसी हाउस पंचकूला संपत्ति कर के मुद्दे पर उनकी संपत्ति के संबंध में उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम कर रहा है। मीडिया के एक वर्ग ने मेयर के हवाले से कहा था कि शालीमार मॉल पंचकूला में संपत्ति कर का सबसे बड़ा डिफॉल्टर है, जिसके बाद अग्रवाल ने चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता की। अग्रवाल ने कहा कि यह एक सफेद झूठ है और इसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। अग्रवाल ने कहा, ‘अगर कोई नगर निगम पंचकूला के रिकॉर्ड को ऑनलाइन जांचने का प्रयास करे, तो पता चलेगा कि शालीमार मॉल का लगभग 7.5 लाख रुपये का संपत्ति कर अभी भी एमसी पंचकूला के पास अधिक जमा हुआ पड़ा है। यानी मैंने वास्तव में नगर निगम द्वारा बतायी राशि से अधिक संपत्ति कर का भुगतान किया है, तो मैं डिफॉल्टर कैसे हो सकता हूं? घाव में नमक डालने के लिए वे मुझे सबसे बड़ा डिफॉल्टर कह रहे हैं।’
मामले की जानकारी देते हुए अग्रवाल ने बताया कि 2013 में हरियाणा सरकार की संपत्ति कर अधिसूचना के बाद, संपत्ति कर के रूप में रु. 33 लाख जमा करा दिये गये। लेकिन एमसी पंचकूला ने 2017 में शालीमार मेगा मॉल के संबंध में रु. 4,26,25,581 का एक आधारहीन संपत्ति कर बिल-सह-नोटिस भेज दिया। मॉल के प्रबंधन ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष इसके खिलाफ दावा किया, तब अदालत ने मॉल के प्रबंधन को एक करोड़ रुपये जमा कराने और संभागीय आयुक्त (अंबाला मंडल) के समक्ष अपील दायर करने का निर्देश दिया। संभागीय आयुक्त (अंबाला संभाग) के समक्ष एक अपील दायर की गयी और एमसी, पंचकूला के आदेश के विरोध स्वरूप 1 करोड़ रुपये जमा किये गये। इसके बाद, संभागीय आयुक्त (अंबाला डिवीजन) ने इस मामले में एक स्पीकिंग ऑर्डर जारी करने हेतु आयुक्त, एमसी, पंचकूला को भेज दिया, जिसे 30 मार्च, 2021 को पारित किया गया।
अग्रवाल ने कहा, ‘आयुक्त, एमसी, पंचकूला ने अपने स्पीकिंग ऑर्डर में क्षेत्रीय कराधान अधिकारी को शालीमार मॉल के संपत्ति कर का पुनर्मूल्यांकन करने का निर्देश दिया। इतना ही नहीं, रु. 4,26,25,581 के मनमाने बिल-सह-नोटिस को एक ओर कर दिया गया। यह भी निर्देश दिया गया कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में हमारे द्वारा पहले ही संपत्ति कर के रूप में जमा की गयी 1 करोड़ रुपये की राशि को पुनर्मूल्यांकन के समय नियमानुसार एमसी, पंचकूला द्वारा एडजस्ट किया जाए।’
अग्रवाल ने आगे इस बात पर जोर दिया कि वित्तीय वर्ष 2008-09 से 2020-21 तक शालीमार मॉल के संपत्ति कर के पुनर्मूल्यांकन के बाद, रु. 18,75,563/- नगर निगम, पंचकूला के पास अधिक जमा पाया गया। इसके बाद एमसी, पंचकूला ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए संपत्ति कर और अग्नि कर के संबंध में रु. 11,28,791 का बिल कम नोटिस भेजा। एमसी पंचकूला ने उक्त राशि को उसके पास पहले से जमा अतिरिक्त राशि में से वसूल कर लिया। तदनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए संपत्ति कर और अग्नि कर के समायोजन के बाद नगर निगम पंचकूला के पास रु. 7,46,772/- अभी भी अधिक जमा हैं।
अग्रवाल ने आगे कहा, ‘मुझे एक समाचार पत्र की रिपोर्ट से पता चला है कि पंचकूला के एमसी हाउस ने 30 जून 2021 को द्वेष और दुर्भावना के साथ एक समिति गठित करने का प्रस्ताव पारित किया, ताकि आयुक्त एमसी पंचकूला द्वारा पारित आदेश में अवैध रूप से हस्तक्षेप किया जा सके। वो भी उस मामले में, जिसे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर संभागीय आयुक्त (अंबाला डिवीजन) को भेजा गया। उक्त प्रस्ताव को समाप्त, निलंबित या रद्द किया जाना चाहिए। एमसी हाउस या उसके द्वारा गठित किसी समिति को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर दायर एक अपील में पारित आदेश के अनुपालन में किये गये संपत्ति कर आकलन को खत्म करने का अधिकार नहीं है।’
अग्रवाल ने आगे कहा, ‘आयुक्त एमसी, पंचकूला द्वारा पारित एक आदेश के बाद मेरी संपत्ति का पुनर्मूल्यांकन किया गया है और फिर भी मुझे इस अवैध प्रस्ताव के तहत लक्षित किया गया है। संपत्ति कर अधिसूचना के उल्लंघन में संपत्ति कर के अपर्याप्त भुगतान के बावजूद, समान आकार की अन्य संपत्तियों को इस मनमाने प्रस्ताव के दायरे से बाहर क्यों रखा गया है। स्पष्ट है कि एमसी हाउस ने उक्त प्रस्ताव सिर्फ मेरी संपत्ति को लक्षित करने के इरादे से पारित किया है।’
अग्रवाल ने कहा, ‘मैंने अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस), शहरी स्थानीय निकाय विभाग, हरियाणा को पत्र लिखा है और उनके कार्यालय को हरियाणा नगर निगम अधिनियम की धाराओं 414 और 415 के तहत दी गई शक्तियों का उपयोग कर इस अवैध प्रस्ताव को रद्द करने के लिए कहा है। शालीमार मॉल की संपत्ति के संबंध में 30 जून, 2021 को संपन्न अपनी हाउस मीटिंग में एमसी, पंचकूला द्वारा पारित प्रस्ताव के संबंध में मैंने एसीएस से अनुरोध किया है कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए व्यवसाय प्रमाण पत्र जारी होने से लेकर अभी तक उस श्रेणी में आने वाली समान आकार की अन्य वाणिज्यिक संपत्तियों से प्राप्त संपत्ति कर के संबंध में एमसी पंचकूला को पूरे विवरण के साथ एक श्वेत पत्र प्रकाशित करने का निर्देश दें।’
अग्रवाल ने दूर कीं शालीमार मॉल के बारे में फैली भ्रांतियां
अग्रवाल ने कहा कि मॉल का स्वामित्व एकदम स्पष्ट है और यह सभी बाधाओं से मुक्त है। उन्होंने बताया कि एक मालिक के रूप में उन्हें अभी भी शोरूम्स के आवंटन पत्रों के अनुसार आवंटियों से पूरा भुगतान नहीं मिला है और यहां तक कि शोरूम मालिकों द्वारा रखरखाव शुल्क का भुगतान तक नहीं किया गया है। इस वजह से मॉल पहले संकट में रहा। उन्होंने कहा कि जल्द ही मॉल को नया रूप दिया जाएगा और संचालन में तेजी लायी जायेगी। फेसलिफ्ट का काम पहले ही शुरू हो चुका है, लेकिन महामारी के कारण इसमें देरी हो गयी है। अग्रवाल ने यह भी कहा कि हाल ही में उन्होंने शोरूम आवंटियों को एकमुश्त निपटान (ओटीएस) के तहत उनके बकाया के भुगतान के लिए विभिन्न छूट और रियायतों की पेशकश की थी। उन्होंने मीडिया से मॉल को बढ़ावा देने में सकारात्मक भूमिका निभाने का आह्वान किया, क्योंकि एक बार संचालन में तेजी आने पर यह सभी हितधारकों के लिए एक जीत की स्थिति होगी। आखिरकार, मॉल समग्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और पंचकूला का एक हलचल वाला स्थान साबित होगा।
अग्रवाल ने कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल उठाये हैं:
1. किस आधार पर नगर निगम पंचकूला ने प्रेस को एक बयान जारी किया कि शालीमार मॉल संपत्ति कर का सबसे बड़ा डिफॉल्टर है, जबकि एमसी पंचकूला की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 तक संपत्ति कर की पूरी बकाया राशि का भुगतान करने के बाद भी शालीमार मॉल द्वारा एमसी पंचकूला के पास रु. 7,46,772 की अतिरिक्त राशि जमा करायी हुई है?
2. जब अधिसूचना दिनांक 11 अक्टूबर, 2013 के अनुसार एमसी पंचकूला शालीमार मॉल से रु. 14.06 प्रति वर्ग फुट किराए वाले हिस्से के लिए और रु. 11.25 प्रति वर्ग फुट गैर-किराए वाले हिस्से के लिए ले रहा है, तो अन्य समान आकार की वाणिज्यिक संपत्तियों से महज रु. 8.43 प्रति वर्ग फुट संपत्ति कर कैसे ले रहा है?
3. एनएच 22 मॉल, अमरावती एन्क्लेव, पंचकूला द्वारा संपत्ति कर के भुगतान के संबंध में विस्तृत जानकारी एमसी पंचकूला की वेबसाइट पर उपलब्ध क्यों नहीं है?
4. एनएच 22 मॉल, अमरावती एन्क्लेव, पंचकूला द्वारा व्यवसाय प्रमाण पत्र की तिथि से अब तक कितना संपत्ति कर जमा किया गया है?