डीएन सिंह चंडीगढ़
पंजाब में राजनीतिक दबाव के चलते, पुलिस के खिलाफ उपयुक्त कार्यवाही न करने के आरोप तो लगातार लगते रहते है लेकिन किन्नर समुदाय शांतिप्रिय व विवादों से परे ही रहता है ,लेकिन पिछले कुछ महीनों से पटियाला व राजपुरा में समुदाय के एक गुट ने आतंक मचा रखा है ।
चंड़ीगढ़ प्रेस क्लब में मंगलवार को अपनी आवाज प्रशासन तक पहुचाने के लिए पटियाला ,राजपुरा, अम्बाला के किन्नर ,किन्नर वेलफेयर बोर्ड की जनरल सेक्रेटरी तमन्ना महंत , पूनम महंत चेले शबनम महंत समेत बिरादरी के कई सदस्यों सहित प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की और उसके बाद सी एम् कैप्टेन की कोठी के बाहर प्रोटेस्ट भी किया व् उनके ओ एस डी संदीप बराड़ को ज्ञापन सौंपा
मामला क्या है
25 मई 2021 को पटियाला में सिमरन महंत ने पूनम महंत पर कुछ गुंडों , असामाजिक तत्वों के साथ हमला कर दिया व मार पीट की व 20-25 लाख रुपए नगद व आधा किलो सोना व अन्य कीमती सामान लूट लिया, खासकर तमन्ना महत के गुरु पूनम महंत का चेहरा मार मार कर बिगाड़ डाला व सोनिया का बाजू भी फ्रेक्चर भी कर डाला । नंदनी व सोनिया को अगवा किया गया जिन्हें पंजब व हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर वारंट अफसर ने बरामद किया , काफी जद्दोजहद के बाद एफ आई आर तो दर्ज हुई लेकिन उसी दिन दबाव के चलते पुलिस ने उन्ही धाराओं के तहत क्रॉस एफआईआर भी दर्ज कर दी । 25 मई को दर्ज एफ आई आर 379 ,452, 365, सेक्शन के अंतर्गत दर्ज हुई । दरअसल सिमरन महंत ने सारी किन्नर बिरादरी के समक्ष अपनी चल /अचल संपत्ति जिसमें उनका एरिया ,3 मकान आदि थे 3 करोड़ रुपये में शबनम महंत व उनके चेले पूनम महंत को बेच दिया था व एक लड़के से शादी कर ऐरोसिटी मोहाली में ग्रहस्थ अपना लिया था , उनके साथ व चेलों के साथ लेकिन जिन चेलों से तंग आकर उन्होंने ये कदम उठाया था, अब फिर से उन्हीं के साथ आतंक फैला रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने 17 जून को राजपुरा में भी डेरे पर हमला किया ,जिसके सिलसिले में सिमरन महंत पर 452 व अन्य धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज हो चुका है लेकिन ,इतनी वारदाते होने के बावजूद भी राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते , सिमरन महंत को गिरफ्तार नहीं है ।हैरानी की बात है कि लूट का सारा माल बरामद होने के बाद भी न तो पुलिस जरूरी कागजी कार्यवाही कर रही है और न ही इस मामले में रिकवरी मेमो बना रही है ।पुलिस हमें सिर्फ 20 फीसदी माल रिकवरी दे रही ही बिना किसी रसीद के दे रही है।
*मांग क्या है*
किन्नर समुदाय वैसे तो शांतिप्रिय है लेकिन अपने हकों की लड़ाई तो लड़नी ही पड़ेगी, चाहे सी एम के घर का घेराव न करना पड़े , पीछे नहीं हटेंगे । , हम इस पूरे केस की ट्रांसपेरेंट इन्क्वारी इंडिपेंडेंट एजेंसी से मांग करते हैं , अगर हमें इंसाफ न मिला तो हम माननीय सुप्रीम कोर्ट के सामने धरना देंगे , व किसी भी किन्नर समुदाय के जान या माल के नुकसान का जिम्मेदार प्रशासन होगा ।